आषाढ़ महीने में तिथि वार और नक्षत्रों की विशेष स्थिति बन रही है। हिंदी कैलेंडर के इस महीने में कई महत्वपूर्ण घटनाएं होने के योग बन रहे हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि आषाढ़ महीने में सूर्यग्रहण के अलावा 5 ग्रहों के वक्री होने से प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका है। इस महीने ज्यादा बारिश, समुद्री चक्रवात, भूकंप, तूफान और महामारी से जन-धन की हानि का खतरा बन रहा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में चक्रवात के साथ भयंकर बारिश हो सकती है।
5 शनिवार और 5 रविवार का होना अशुभ
आषाढ़ महीने में 5 शनिवार होने से महंगाई बढ़ सकती है जबकि 5 रविवार का होना शोक संताप को बढ़ाने वाला और कष्टकारी योग है। पं. मिश्र ने बताया कि कि इसके चलते रोग संक्रमण
21 जून को लग रहा है सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य पं. मिश्र ने बताया कि 21 जून आषाढ़ मास की अमावस्या को कंकणाकृति सूर्यग्रहण मृगशिरा नक्षत्र, मिथुन राशि में होगा। उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण भारत में सुबह करीब 10 बजे से दोपहर 2:30 बजे के बीच देखा जा सकेगा। इसके अलावा सूर्यग्रहण का स्पर्श 10:16 तथा मध्यकाल 11:56 जबकि 1:42 बजे मोक्ष हो जाएगा। वहीं 3:26 बजे तक ग्रहण का पूर्वकाल रहेगा। वहीं ग्रहण का सूतक काल शनिवार रात्रि 10:16 बजे आरंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि ये ग्रहण भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखाई देगा।
देश-विदेश में कहर का दे रहे संकेत
पं. मिश्र का कहना है कि एक के बाद एक ग्रह अपनी चाल बदल कर वक्री हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राहु मिथुन राशि में वक्री है, वहीं शनि व गुरु मकर राशि में वक्री हैं। इसके अलावा शुक्र वृषभ राशि में वक्री हो चल रहा है। इन चारों वक्री ग्रहों के साथ 18 जून से बुध अपनी ही राशि मिथुन राशि में वक्री होकर अशुभ फल बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रहों की ये स्थिति देश-विदेश में आपदाएं और जन-धन हानि का संकेत दे रही हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar
https://ift.tt/2MPAHzv
No comments:
Post a Comment