Monday, 20 January 2025

हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक समाधान (In Hindi)

हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक समाधान

 हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक समाधान: महर्षि वाग्भट के अमूल्य सूत्र


महर्षि वाग्भट:

भारत के प्राचीन आयुर्वेदाचार्य, महर्षि वाग्भट, 3000 वर्ष पूर्व एक महान ऋषि हुए। उन्होंने "अष्टांग हृदयम" नामक आयुर्वेद की महान पुस्तक लिखी, जिसमें 7000 सूत्र हैं। इनमें से एक सूत्र हृदय रोग यानी हार्ट अटैक को ठीक करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


हार्ट अटैक का मुख्य कारण


महर्षि वाग्भट कहते हैं कि जब रक्त (ब्लड) में अम्लता (Acidity) बढ़ती है, तो हृदय की नलियों में ब्लॉकेज (रुकावट) शुरू हो जाती है।


अम्लता के प्रकार:


1. पेट की अम्लता:


पेट में जलन


खट्टी डकार


मुंह से पानी निकलना




2. रक्त की अम्लता:


जब पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते रक्त में मिलती है, तो यह रक्त में अम्लीयता पैदा करती है।


अम्लीय रक्त दिल की नलियों में ब्लॉकेज बनाता है, जिससे हार्ट अटैक होता है।





इलाज: अम्लता को क्षारीय बनाना


महर्षि वाग्भट का कहना है कि अगर रक्त में अम्लता बढ़ी हो, तो ऐसी चीज़ों का सेवन करें जो क्षारीय (Alkaline) हों। इससे रक्त की अम्लता न्यूट्रल हो जाएगी, और हार्ट अटैक की संभावना खत्म हो जाएगी।


सबसे क्षारीय चीज: लौकी (Bottle Gourd)


लौकी सबसे क्षारीय भोजन है, जो हर घर में आसानी से उपलब्ध है।


लौकी का जूस कैसे पियें?


1. रोज़ाना सेवन करें:


200-300 मिलीलीटर जूस।


सुबह खाली पेट या नाश्ते के आधे घंटे बाद।




2. जूस को और प्रभावी बनाने के लिए मिलाएँ:


7-10 तुलसी के पत्ते: तुलसी अत्यधिक क्षारीय होती है।


7-10 पुदीने के पत्ते: पुदीना भी क्षारीय है।


काला या सेंधा नमक: ये रक्त को क्षारीय बनाते हैं। (आयोडीन युक्त नमक न डालें, यह अम्लीय होता है।)





लौकी का जूस कितने दिनों तक पियें?


2-3 महीने तक लगातार सेवन करें।


21 दिनों के भीतर असर दिखने लगेगा।



लाभ


दिल की सभी ब्लॉकेज ठीक होंगी।


ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी।


लाखों रुपये बचेंगे।


आपका शरीर फिर से स्वस्थ हो जाएगा।



आयुर्वेद की इस अमूल्य जानकारी को अपनाएँ और स्वस्थ जीवन जीएँ।


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