Tuesday, 25 August 2020

अगर आप मजबूत बनना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी कमजोरियां दूर करें, एक बार कमजोरियां दूर हो जाएंगी तो फिर आप कुछ भी कर सकते हैं



469 ईसा पूर्व में यूनान (ग्रीक) के महान दार्शनिक सुकरात का जन्म हुआ था। सुकरात दिखने में ज्यादा सुंदर नहीं थे, लेकिन अपनी बुद्धि और अच्छे विचारों की वजह से वे यूनान में प्रसिद्ध हो गए थे। आज भी सुकरात की गिनती महान दार्शनिकों में होती है। उन्होंने कभी कोई ग्रंथ नहीं लिखा, लेकिन वे अपने विचारों से समाज में फैली कुरितियों का विरोध करते रहते थे। सुकरात के विचार आज भी प्रसिद्ध हैं। इन विचारों को अपनाने से हमारी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं।

सुकरात के दो विवाह हुए थे। पहली पत्नी से सुकरात को दो पुत्र थे। दूसरी पत्नी से सुकरात का एक पुत्र था। सुकरात बढ़ती प्रसिद्धि की वजह से उनके कई दुश्मन भी थी। एक समय उनके दुश्मनों ने सुकरात पर मुकदमा चलवा दिया। दुश्मनों के आरोप थे कि सुकरात युवाओं को बिगाड़ रहे हैं। वे ईश निंदा कर रहे हैं। इन आरोपों की वजह से सुकरात को कारागर में बंद कर दिया गया। कारागर में ही इन्होंने विष पान करके देह त्याग दी। उनकी मृत्यु 399 ईसा पूर्व हुई थी।

जानिए सुकरात के कुछ खास विचार…

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