Wednesday, 26 August 2020

सिकंदर के गुरु थे अरस्तु, वे कहते थे जो व्यक्ति सभी का मित्र होता है, ध्यान रखें वह किसी का भी मित्र नहीं होता है, व्यक्ति जिससे डरता है, उससे कभी प्रेम नहीं करता



दुनिया में सबसे महान सम्राटों में से एक सिकंदर के गुरु अरस्तु थे। अरस्तु का जन्म यूनान में करीब 384 ईसा पूर्व हुआ था। अरस्तु ने प्लेटो से शिक्षा ग्रहण की थी। अरस्तु दुनिया के महान दार्शनिकों में से एक माने जाते हैं। इनके विचारों को जीवन में उतारने से शिक्षाएं जीवन में सुख, शांति और सफलता मिल सकती है। उस समय मकदूनिया के राजा फिलिप के पुत्र एलेक्सजैंडर को पढ़ाने के जिम्मेदारी अरस्तु को दी गई थी। राजा फिलिप और एलेक्सजैंडर दोनों ही अरस्तु का बहुत सम्मान करते थे। एलेक्जैंडर को ही भारत में सम्राट सिकंदर के नाम से जाना जाता है।

अरस्तु आध्यात्म के साथ ही भौतिकी, संगीत, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र विषयों के भी जानकार थे। वे रोज प्रवचन देते थे और उनके उपदेश सुनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते थे। मकदूनिया के सम्राट सिकंदर की मृत्यु के कुछ समय बाद 322 ईसा पूर्व अरस्तु की भी मृत्यु हो गई थी। जानिए अरस्तु के कुछ खास विचार जो जीवन में सुख और शांति बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं…

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