नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हुए 500 और 1000 के नोटों का दान आज तक मंदिरों को मिल रहा है। आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में करीब 50 करोड़ के पुराने नोट पिछले कुछ महीनों में दान आए हैं। तिरुपति ट्रस्ट के चेयरमैन वाईवी सुब्बारेड्डी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर इन पुराने नोटों को बदलने की गुजारिश की है।
कोरोना और नेशनल लॉकडाउन के चलते तिरुपति मंदिर में दान में भारी कमी आई है। हालांकि, 11 जून से मंदिर खुलने के बाद से एक महीने में लगभग 17 करोड़ का दान मंदिर को मिला है लेकिन ये कोरोना से पहले आने वाले दान का 10 प्रतिशत भी नहीं है। ऐसे ट्रस्ट ने मंदिर को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए दान में आए 500 और 1000 के पुराने नोटों का सहारा लेने की योजना बनाई है। ये नोट नवंबर 2016 की नोटबंदी के बाद नोट बदलने की सभी समय सीमा खत्म हो जाने के बाद आए हैं। इन्हें संभालना भी ट्रस्ट के लिए एक बड़ा सिरदर्द है।
मंदिर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ये नोट एक लंबे समय में दान के जरिए इकट्ठा हो रहे थे। लॉकडाउन के कारण इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया था। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अगर ऐसा किया जा सकता हो तो ये मंदिर के लिए काफी राहत भरा हो सकता है। हालांकि, मंदिर प्रशासन इस मुलाकात को लेकर अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। पीआरओ टी रवि के मुताबिक ये अधिकारिक नहीं है। अभी इस मामले में कोई जानकारी जाहिर करने के लिए ट्रस्ट की ओर से नहीं कहा गया है।
- 20 फर्जी वेबसाइट्स के खिलाफ एफआईआर
ट्रस्ट ने तिरुपति ट्रस्ट के नाम से चल रही करीब 20 वेबसाइट्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। ये साइट्स दर्शन टिकट्स से लेकर होटल बुकिंग्स और ऑनलाइन हुंडी जैसे कामों में श्रद्धालुओं से पैसे ऐंठ रहे थे। इन सभी साइट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर तिरुपति ट्रस्ट ने अपना टोल फ्री नंबर भी जारी किया है जिस पर ऐसी किसी भी साइट के बारे में श्रद्धालु शिकायत कर सकते हैं।
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