रविवार, 14 जून का दिन उत्तराखंड के बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए बहुत खास रहा। बद्रीनाथ के क्षेत्रपाल घंटाकर्ण मंदिर के कपाट खुल गए हैं, केदारनाथ में भैरवनाथ के लिए विशेष हवन किया गया। हर साल इन आयोजनों में हजारों भक्त शामिल होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से बहुत कम लोग उपस्थिति थे।
माणा गांव में है घंटाकर्ण मंदिर
बद्रीनाथ धाम के पास ही माणा गांव स्थित है। यहां आषाढ़ मास में सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश करने पर विशेष पूजा की जाती है। रविवार को यहां के कपाट खुल गए हैं।
इस संक्रांति पर यहां जेठ पूजा का उत्सव होता है। बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल के मुताबिक घंटाकर्ण भगवान बद्रीनाथ के क्षेत्रपाल हैं। घंटाकर्ण ही इस क्षेत्र की रक्षा करते हैं।
केदारनाथ में हुई भैरवनाथ की पूजा
केदारनाथ धाम में भैरवनाथजी की विशेष पूजा रविवार को हुई। यज्ञ में आहुतियां दी गईं। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि हर साल आषाढ़ मास की संक्रांति पर केदारनाथ धाम के रक्षक भकुंड भैरव की पूजा और हवन किया जाता है। केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज की तरफ से श्री केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, राजकुमार तिवारी, पंथेर शंभू जमलोकी, प्रियधर जमलोकी सहित 18 तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में ये विशेष आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में हर साल हजारों भक्त शामिल होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से ये कार्यक्रम कुछ ही लोगों की उपस्थिति में हुआ है।
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