Thursday, 2 July 2020

किचन में रोशनी और हवा के लिए पर्याप्त व्यस्था होनी चाहिए, रसोईघर के लिए दक्षिण-पूर्व यानी अग्निकोण रहता है सबसे अच्छा



वास्तु में घर की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने और सकारात्मकता को बढ़ाने के टिप्स बताए गए हैं। उज्जैन ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ पं. मनीष शर्मा के अनुसार किचन में वास्तु के नियमों का ध्यान रखा जाए तो स्वास्थ्य संबंधी ज्यादा लाभ मिल सकते हैं।

किचन में पर्याप्त रोशनी और हवा के आने-जाने की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर किचन में सूर्य की रोशनी आती है तो कई वास्तु दोष दूर हो सकते हैं। ताजी हवा से किचन का वातावरण स्वास्थ्यवर्धक बना रहता है।

रसोईघर के लिए आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा का कोना सबसे अच्छा रहता है। ये दिशा अग्नि से संबंधित कार्यों के लिए श्रेष्ठ रहती है। इसके अलावा वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में भी किचन बनाया जा सकता है।

किचन में आग और पानी के स्रोत एक साथ नहीं रखना चाहिए। पानी और गैस को दूर-दूर ही रखें। ये दोनों तत्व एक-दूसरे के विरोधी हैं। इन्हें साथ रखने पर वास्तु दोष बढ़ते हैं।

खाना बनाने वाले स्थान पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, वरना स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और इसकी वजह से वास्तु दोष भी बढ़ते हैं। वास्तु दोषों की वजह से मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

रोज सुबह-शाम खाना बनाने के बाद सबसे पहले भगवान को भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान के प्रसाद के रूप में हमें खाना मिलता है, जिससे विचारों की पवित्रता बनी रहती है। नकारात्मक विचार दूर होते हैं।

हमेशा प्रसन्न मन के साथ खाना बनाना चाहिए। दुखी होकर या क्रोध करते हुए भोजन बनाने से बचना चाहिए।

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