भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 7 दिन बाद फिर से अपने मुख्य मंदिर पहुंच गई है। 23 जून को भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र का रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचा था। 7 दिन यहां रहने के बाद बुधवार को ये तीनों रथ अपने मुख्य स्थान पर पहुंचे हैं। इसे बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।
रथयात्रा का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है। कोरोना वायरस की वजह से पहली बार ऐसा हुआ कि रथयात्रा निकली और उसमें आम भक्त शामिल नहीं हो सके हैं। रथों को मंदिर सेवकों ने ही खींचा।
2.5 किमी की जगन्नाथ यात्रा के लिए मंदिर समिति को दिल्ली तक का सफर पूरा करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद मंदिर समिति के साथ कई संस्थाओं ने सरकार से मांग की कि रथयात्रा के लिए फिर प्रयास करें। सुप्रीम कोर्ट में 6 याचिकाएं लगाई गईं। अंततः फैसला मंदिर समिति के पक्ष में आया और रथयात्रा निकाली गई। हर साल इस रथयात्रा के लिए कुल नौ दिन का उत्सव पुरी शहर में मनाया जाता है। इस बार पूरे उत्सव के दौरान आम लोगों को इन दोनों ही मंदिरों से दूर रखा गया।
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