गुरुवार, 23 जुलाई को सावन माह के शु्क्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इसे हरियाली तीज कहा जाता है। इस दिन देवी पार्वती की विशेष पूजा करने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ये तिथि विवाहित महिलाओं के लिए बहुत खास है। महिलाएं पति के सौभाग्य और स्वस्थ जीवन की कामना से व्रत करती हैं। हरियाली तीज पर महिला के साथ ही उसके पति को भी शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
शिवजी और देवी पार्वती के मंत्रों का जाप करें
हरियाली तीज पर पति-पत्नी दोनों सुबह जल्दी उठें स्नान के बाद घर के मंदिर में पूजा करने का संकल्प लें। सबसे पहले गणेश पूजन करें। गणेशजी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। गंध, पुष्प, चावल से पूजा करें। इसके बाद शिव-पार्वती की पूजा करें।
शिव-पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। अगर शिवलिंग हो तो साथ में देवी की प्रतिमा भी रखें। इन्हें लाल कपड़े पर रखना चाहिए। भगवान का अभिषेक जल और पंचामृत से करें। वस्त्र अर्पित करें। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
पुष्पमाला पहनाएं। तिलक करें। ऊँ साम्ब शिवाय नमः कहते हुए भगवान शिव को अष्टगंध का तिलक लगाएं। ऊँ गौर्ये नमः कहते हुए माता पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं। धूप और दीप जलाएं। भोग लगाएं। आरती करें। पूजा में ऊँ उमा महेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें।
आरती के बाद परिक्रमा करें। पूजा के बाद अन्य लोगों को प्रसाद वितरित करें और पूजा में हुई भूल के लिए भगवान से क्षमा मांगे।
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