Thursday, 1 October 2020

सफलता और खुशियां पाने के लिए अपनाने चाहिए धर्म ग्रंथों में बताए गए सूत्र, इनसे जीवन में बनी रहती है सुख-शांति



जीवन में सुख शांति चाहते हैं तो पहले खुद को शांत करना चाहिए। यानी हर काम या हर बात में पहले खुद को संतुष्ट करें। दूसरों की इच्छाओं का सम्मान करना और खुद मन मारकर रहना भी इसका एक हिस्सा है। हर बात में संतोष कर लेने से धीरे-धीरे जीवन में शांति आने लगती है। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्म ग्रंथों के जानकार पं. गणेश मिश्र का कहना है कि जीवन में हमेशा सुख-शांति और खुशियां बनाए रखने के लिए पद्मपुराण और महाभारत में ऐसी कईं बातें बताई गई हैं। जिनसे दूर रहना चाहिए। इन गलत बातों या आदतों की वजह से परिवार और आसपास के लोग भी परेशान रहते हैं।

महाभारत और पद्मपुराण में बताई गई बातें

1. न करें लड़ाई: कई लोगों को बिना कारण ही दूसरों से लड़ने की आदत होती है। इस वजह से कई बार दूसरों से दुश्मनी हो जाती है। इसलिए बिना कारण लड़ाई या दुश्मनी करना घातक हो सकता है। इसके अलावा लोग अपना हक लेने या अपनी बात मनवाने के लिए लड़ाई कर लेते हैं। ऐसा करने से सिर्फ अशांति ही होती है। क्योंकि लड़ाई से सिर्फ जितने वाला इंसान ही संतुष्ट होता है। हारने वाला इंसान अशांत ही रहता है। इसलिए अपनी बात मनावने या अपना हक लेने के लिए प्रेम से या बातचीत से मामले सुलझाना बेहतर है।

2. विवादों से दूर रहें: कई बार हम दूसरों के विवादों में इस तरह शामिल हो जाते हैं कि वह विवाद हमारा बन जाता है। इसलिए कभी भी किसी अन्य व्यक्ति के विवाद में शामिल न हों, ऐसी बातों से हमेशा दूर ही रहें। इसके अलावा हर बात कहने या सुनने में सावधानी रखनी चाहिए। किसी की बात या आदत ठीक न लगे तो भी कुछ कहने से बचना चाहिए। इस तरह आप विवादों से दूर रहने की कोशिश करें।

3. बुरा न कहें: दूसरों की बुराई करना और उन्हें नीचा दिखाना कई लोगों की आदत होती है। इस चक्कर में मनुष्य अच्छे -बुरे में फर्क नहीं कर पाता। इस वजह से खुद के लिए परेशानियां खड़ी कर लेता है। हमें लोगों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जैसा हम अपने लिए बर्दाश्त नहीं कर सकते। अपनी बात समझाने या कहने के तरीके में बदलाव करने से किसी को नाराज़गी नहीं रहेगी।

4. दुख ना पहुंचाएं: बिना सोचे-समझे बोल देने से कोई भी इंसान सबसे ज्यादा दुखी हो जाता है। शब्द तीर की तरह होते हैं, एक बार मुंह से निकलने के बाद उन्हें वापस नहीं लिया जा सकता। अच्छी बातों से हम किसी के प्रिय बन सकते हैं और तो बुरे शब्दों के प्रयोग से दुश्मन बनने में देर नहीं लगती। आजकल हर इंसान अपने लिए अच्छा ही सुनना चाहता है। तनाव भरे जीवन में हर इंसान सकारात्मक होने की कोशिश करता है। इसलिए नकारात्मक बातें करने से बचना चाहिए और ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे किसी को दुख पहुंचे।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


To get success and happiness, one should adopt the formulas mentioned in religious texts, they keep happiness and peace in life

from Dainik Bhaskar
https://ift.tt/2SeX30b

No comments:

Post a Comment

कैसे तोड़ें ? - मन और जगत के बंधन को || How to break the bond between mind and world?

श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम  सच्चिदानंद भगवान की जय। सनातन धर्म की जय।  अभी-अभी आप बहुत सुंदर कथा सुन रहे थे। मेरे क...