Tuesday, 29 September 2020

अधिक मास की पूर्णिमा 1 अक्टूबर को, इस दिन घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने से मिलेगा तीर्थ स्नान का पुण्य



हर महीने की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा का महत्व है। स्कंद पुराण में बताया गया है कि पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा से समृद्धि मिलती है। भविष्य और विष्णुधर्मोत्तर पुराण का कहना है कि पूर्णिमा तिथि पर व्रत-पूजा और दान करना चाहिए। इस दिन पेड़-पौधे लगाने से कई यज्ञों का फल मिलता है। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्म ग्रंथों के जानकार पं. गणेश मिश्र बताते हैं कि 1 अक्टूबर को पुरुषोत्तम महीने की पूर्णिमा है। ये दिन इसलिए खास हैं क्योंकि 3 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है।

  • पं. मिश्र के मुताबिक अधिक मास भगवान विष्णु का महीना है इसलिए पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान करना चाहिए, लेकिन ये संक्रमण से बचने के लिए घर में ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर नहाने से भी तीर्थ स्नान का फल मिलता है। पूर्णिमा तिथि शुक्लपक्ष की 15वीं तिथि यानी पक्ष का आखिरी दिन होता है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं वाला होता है। पूर्णिमा को धर्मग्रंथों में पर्व कहा गया है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।

पुरुषोत्तम महीने की पूर्णिमा का व्रत और दान
अधिक मास की पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही दान का संकल्प लेना चाहिए। मंदिर जाकर भगवान विष्णु के दर्शन करना चाहिए। हो सके तो सत्यनारायण भगवान की कथा भी करें। दिनभर अन्न नहीं खाएं। फलाहार कर सकते हैं। सुबह जल्दी पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। साथ ही तुलसी और केले के पेड़ की भी पूजा कर सकते हैं। इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। उनको कपड़े और खाने की चीजों का दान करना चाहिए।

पेड़-पौधे लगाने से मिलता है यज्ञों का पुण्य
विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक पुरुषोत्तम महीने में पेड़-पौधे लगाने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। इसलिए इस महीने के दौरान पेड़-पौधे लगाना महत्वपूर्ण माना गया है। पं. मिश्र का कहना है कि अधिक मास की पूर्णिमा पर पीपल, वट, और गूलर के पेड़ लगाने चाहिए। इन पेड़-पौधों को भगवान विष्णु का ही रुप माना गया है। इनके अलावा तुलसी, अशोक, आंवला, केला, कदंब और बेल का पेड़ लगाने से भी भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

हर महीने की पूर्णिमा पर होता है पर्व
हर महीने की पूर्णिमा को कोई पर्व जरूर मनाया जाता है। इस तिथि का भारतीय जनजीवन में बहुत महत्त्व है। हर महीने आने वाली पूर्णिमा पर एक समय खाना खाना चाहिए। साथ ही चंद्रमा या भगवान सत्यनारायण का व्रत करें तो हर तरह के सुख मिलते हैं। साथ ही समृद्धि और पद-प्रतिष्ठा भी मिलती है। पूर्णिमा पर किए गए दान-उपवास या किसी भी तरह के पुण्य कर्म का अक्षय फल मिलता है।

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On the full moon day of October, on this day, by mixing Ganga water in water at home, you will get the merit of bathing in the pilgrimage

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