Sunday, 30 August 2020

पितरों के लिए श्रद्धा प्रकट करना ही श्राद्ध है, वेद और पुराणों में इसे बताया गया है पुण्यकर्म



आश्विन कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर अमावस्या तक की अवधि को पितृपक्ष माना जाता है। वैदिक परंपरा और हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितरों के लिए श्रद्धा से श्राद्ध करना पुण्यकर्म है। मान्यता के मुताबिक पुत्र का पुत्रत्व तभी सार्थक माना जाता है, जब वह अपने जीवन काल में जीवित माता-पिता की सेवा करे और उनके मरने के बाद उनकी मृत्यु तिथि पर महालय पितृपक्ष में पूरी विधि से श्राद्ध करे।

  • श्राद्ध का अर्थ है, अपने पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना। पुराणों के अनुसार, मृत्यु के बाद भी जीव की पवित्र आत्माएं किसी न किसी रूप में श्राद्ध पक्ष में अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आती हैं। पितरों के परिजन उनका तर्पण कर उन्हें तृप्त करते हैं। इस बार 2 सितंबर से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहे हैं।

भगवान राम ने किया था यहां श्राद्ध
गया जाकर पितरों का श्राद्ध करने से सात पीढ़ियों का उद्धार होता है। माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं, इसलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहा जाता है। पिंडदान को मोक्ष प्राप्ति का एक सहज और सरल मार्ग माना जाता है। मान्यता है कि भगवान राम और सीताजी ने भी राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए गया में ही पिंडदान किया था।

गयासुर के शरीर से बनी गया
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भस्मासुर के वंश में गयासुर नामक राक्षस ने कठिन तपस्या कर ब्रह्माजी से वरदान मांगा था कि उसका शरीर देवताओं की तरह पवित्र हो जाए और लोग उसके दर्शन मात्र से पाप मुक्त हो जाएं। इस वरदान के मिलने के बाद स्वर्ग में अधर्मियों की जनसंख्या बढ़ने लगी। इससे बचने के लिए देवताओं ने गयासुर से यज्ञ के लिए पवित्र स्थल की मांग की। गयासुर ने अपना शरीर देवताओं को यज्ञ के लिए दे दिया। यज्ञ के बाद जब गयासुर लेटा तो उसका शरीर पांच कोस में फैल गया। यही जगह आगे चलकर गया बनी। गयासुर ने देवताओं से वरदान मांगा कि यह स्थान लोगों को तारने वाला बना रहे। जो भी लोग यहां पर किसी का तर्पण करने की इच्छा से पिंडदान करें, उन्हें मुक्ति मिले। यही कारण है कि आज भी लोग अपने पितरों को तारने के लिए पिंडदान के लिए गया आते हैं।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


Pitru Paksha 2020: Shradh is Starting from September 2 Know The Importance And Important Things About Shradh Paksha And Gaya

from Dainik Bhaskar
https://ift.tt/3hIOVQp

No comments:

Post a Comment

कैसे तोड़ें ? - मन और जगत के बंधन को || How to break the bond between mind and world?

श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम  सच्चिदानंद भगवान की जय। सनातन धर्म की जय।  अभी-अभी आप बहुत सुंदर कथा सुन रहे थे। मेरे क...