अभी दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से काफी लोग मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। तनाव से बचने के लिए रोज कुछ देर ध्यान करना चाहिए। अगर मन में व्यर्थ बातें चलती रहती हैं तो ध्यान नहीं हो पाएगा, इसीलिए ऐसी बातों से बचना चाहिए। इस संबंध में एक लोक कथा भी प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा अपने राज्य की समस्याओं की वजह से तनाव में रहता था। बहुत कोशिशों के बाद भी वह अपनी परेशानियों के दूर नहीं कर पा रहा था।
एक दिन तंग आकर वह अकेले ही जंगल में
घूमने निकल गया। जंगल में राजा को बांसुरी की मधुर आवाज सुनाई दी। राजा उस दिशा में आगे बढ़ने लगा, जहां से आवाज आ रही थी। कुछ ही देर में राजा एक युवक के पास पहुंच गया। वह व्यक्ति बहुत ही शांत और प्रसन्न दिख रहा था। बांसुरी भी बजा रहा था। उसके पास ही उसकी गायें घास चर रही थीं। राजा ने उस व्यक्ति को अपना परिचय दिया और उससे पूछा कि तुम तो इतने प्रसन्न दिख रहे हो, जैसे तुम्हें किसी राज्य का सम्राट बना दिया गया है।उस व्यक्ति ने कहा कि राजन् मैं भी राजा ही हूं, लेकिन मेरे पास कोई साम्राज्य नहीं है और मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूं कि मुझे कोई साम्राज्य न दे। साम्राज्य मिलने पर व्यक्ति राजा नहीं होता, बल्कि सेवक बन जाता है। उसके ऊपर पूरी प्रजा के पालन का भार रहता है। ये बात सुनकर राजा हैरान हो गया।
राजा की समझ आ गया कि राजा के पास धन-संपत्ति भले ही हो, लेकिन मन की शांति ऐसे ही लोगों को मिलती है जो व्यर्थ विचारों में नहीं उलझते हैं। व्यक्ति ने कहा कि राजन् सच्चा सुख स्वतंत्रता में ही है। स्वतंत्रता पाने के लिए विचारों से स्वतंत्र होना जरूरी है। जब तक मन में विचार चलते रहेंगे, मन अशांत रहेगा, तनाव कभी खत्म नहीं होगा। मन के विचार खत्म होने के बाद ही चिंताओं से मुक्ति मिल सकती है।
प्रसंग की सीख
अगर में तनाव दूर करना चाहते हैं तो मन को विचारों से आजाद करने की जरूरत है। मन में जब तक व्यर्थ बातें चलती रहेंगी, हमें शांति नहीं मिल पाएगी। शांति के लिए ध्यान करना चाहिए, यही सबसे अच्छा उपाय है।
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