Wednesday, 24 June 2020

महाभारत की 8 सीख जो आत्मविश्वास के साथ सफलता की राह पर आगे बढ़ना सिखाती हैं



महाभारत को पांचवा वेद कहा गया है। माना जाता है जो ज्ञान महाभारत में नहीं है, वो ज्ञान संसार में कहीं नहीं है। महाभारत में जीवन से जुड़ी कई बातें हैं जो हमें आधुनिक जीवन में भी काम आ सकती है। महाभारत युद्ध के बाद शांति पर्व में भीष्म ने युधिष्ठिर को जो ज्ञान दिया उसे आज भी राजनीति और सामाजिक मामलों का सबसे बेहतर ज्ञान माना जाता है।

महाभारत के तीन पर्वों शांति, अनुशासन और वनपर्व से कुछ खास सीख जो हर इंसान को जीवन में कभी ना कभी, कहीं ना कहीं काम आ सकती हैं। ये हैं वो 8 सीखें

1. धर्म में अस्था न रखने वाले और सज्जन या ज्ञानी लोगों का मजाक उठाने वाले लोगों का विनाश जल्दी ही हो जाता है। – (महाभारत, वनपर्व)

2. झूठ बोलना या झूठ का सा

थ देना एक ऐसा अज्ञान है, जिसमें डूबे हुए लोग कभी भी सच्चे ज्ञान या सफलता को नहीं पा सकते। – (महाभारत, शांतिपर्व)

3. धरती पर अच्छा ज्ञान या शिक्षा ही स्वर्ग हैं और बुरी आदतें या अज्ञान ही नरक है। – (महाभारत, शांतिपर्व)

4. मोह या लालच से मनुष्य को मृत्यु और सत्य से लंबी आयु और सुखी जीवन मिलता है। – (महाभारत शांतिपर्व)

5. जिस काम को करने के पुण्य की प्राप्ति हो या दूसरों का भला हो, उसे करने में देर नहीं करनी चाहिए। जिस पल वे काम करने का विचार मन में आए, उसी पल उसे शुरु कर देना चाहिए। – (महाभारत, शांतिपर्व)

6. पुण्य कर्म जरुर करना चाहिए, लेकिन उनका दिखावा बिल्कुल भी न करें। जो मनुष्य लोगों के बीच तारीफ पाने के लिए या दिखावे के उद्देश्य से पुण्य कर्म करता है, उसे उसका शुभ फल कभी नहीं मिलता। – (महाभारत, अनुशासनपर्व)

7. सभी लोगों के साथ एक सा व्यवहार करने वाला और दूसरे के प्रति मन में दया और प्रेम की भावना रखने वाला मनुष्य जीवन में सभी सुख पाता है। – (महाभारत, वनपर्व)

8. अपने मन और इन्द्रियों को वश में रखने वाले मनुष्य को जीवन में किसी भी तरह के कष्ट का सामान नहीं करना पड़ता है। ऐसे मनुष्य के मन में दूसरों का धन देखकर भी जलन जैसी भावनाएं नहीं आती।- (महाभारत, वनपर्व)

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Mahabharat 8 lessons of Mahabharata teach you to move forward on the path of success with confidence

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