अभी आषाढ़ मास चल रहा है। इस माह के कृष्ण पक्षकी एकादशी 16 और 17 जून, दो दिन रहेगी। इसे योगिनी एकादशी कहा जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार 17 जून को एकादशी के लिए व्रत-उपवास करना ज्यादा शुभ रहेगा। इस संबंध में पंचांग भेद होने से अपने-अपने क्षेत्र के पंचांग और विद्वानों के मतों के अनुसार ये व्रत कर सकते हैं। एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास करना चाहिए। इसके अलावा अपने इष्टदेव की विशेष पूजा भी करनी चाहिए।
एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और अभिषेक करें। बाल गोपाल का भी इसी तरह अभिषेक करें। श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। भगवान को बिल्व पत्र
और धतूरा भी चढ़ाएं। दीपक और कर्पूर जलाकर आरती करें।हनुमानजी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें।
इस तिथि पर सुबह तुलसी को जल जरूर चढ़ाएं और सूर्यास्त के तुलसी के पास दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
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