बुधवार, 8 जुलाई को सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन गणेशजी के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार बुधवार और चतुर्थी के योग में गणेशजी के साथ ही बुध ग्रह के लिए विशेष पूजा करनी चाहिए। गणेश पूजा में भगवान के 12 नाम मंत्रों का जाप करें। जाप कम से कम 108 बार करें।
ऐसे कर सकते हैं गणेशजी की पूजा
गणेश चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठें, स्नान के बाद सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें। गणेशजी को जनेऊ पहनाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। चावल सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
गणेश मंत्र ऊँ गं गणपतयै नम: बोलते हुए दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं। लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें।
गणेशजी के इन 12 मंत्रों का जाप करें
गणेशजी को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाएं और दूर्वा चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप करें। ऊँ गणाधिपतयै नम:, ऊँ उमापुत्राय नम:, ऊँ विघ्ननाशनाय नम:, ऊँ विनायकाय नम:, ऊँ ईशपुत्राय नम:, ऊँ सर्वसिद्धप्रदाय नम:, ऊँ एकदन्ताय नम:, ऊँ इभवक्त्राय नम:, ऊँ मूषकवाहनाय नम:, ऊँ कुमारगुरवे नम:
बुध ग्रह के लिए करें ये शुभ काम
हर बुधवार को बुध ग्रह के लिए विशेष पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली के बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर हो सकते हैं। बुधवार को हरे मूंग का दान करें। गणेश पूजा में बुध के मंत्र ऊँ बुं बुधाय नम: का जाप 108 बार करें।
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